शेयर बाजार

शेयर बाजार में हाहाकार! 9 साल में सबसे बड़ी गिरावट

शेयर बाजार में डर का माहौल: 9 साल बाद सबसे बड़ी गिरावट

सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बुरे सपने की तरह साबित हुआ। वैश्विक बाजारों में गिरावट के साथ, भारतीय बाजार भी धराशायी हो गए। सेंसेक्स में 2200 अंकों से अधिक और निफ्टी50 में लगभग 700 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई। मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर संबंधी निर्णयों के डर ने भारतीय बाजारों को बुरी तरह प्रभावित किया। बाजार में ऐसा डर 9 साल पहले देखा गया था।

इंडिया विक्स (India VIX): डर का मीटर

इंडिया विक्स (India VIX) को शेयर बाजार में डर का मीटर कहा जाता है। यह बाजार में व्याप्त भय को मापता है। यह जितना अधिक होता है, बाजार में गिरावट की आशंका उतनी ही अधिक होती है। इसके विपरीत, यदि यह कम है, तो बाजार के शांत रहने या धीरे-धीरे ऊपर जाने का संकेत होता है। सोमवार को, इंडिया विक्स में 52% की भारी वृद्धि हुई, जो अगस्त 2015 के बाद सबसे बड़ी एकल-दिवसीय वृद्धि है। यहां तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी, जब बाजार में तेजी से गिरावट आई थी, विक्स में इतनी बड़ी वृद्धि नहीं देखी गई थी।

  • इंडिया विक्स का महत्व:
    • बाजार में डर का आकलन
    • निवेशकों के लिए जोखिम का संकेत
    • पोर्टफोलियो हेजिंग में सहायक

500 शेयरों में लोअर सर्किट

सोमवार के कारोबार में बीएसई में लगभग 500 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। इन शेयरों में रिलायंस पावर लिमिटेड, जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपी पावर), कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और स्वान एनर्जी लिमिटेड जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

फेडरल रिजर्व का प्रभाव

माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में देरी के कारण अमेरिका में मंदी आ सकती है, जिससे विदेशी पूंजी की निकासी हो सकती है। इस डर के कारण मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 4% तक की गिरावट आई, और सभी इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करते दिखे।

बाजार के गिरने के कारण

  • मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव
  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय
  • विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली
  • वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका

निवेशकों के लिए सलाह

बाजार में इस तरह की अस्थिरता के समय, निवेशकों को धैर्य रखने और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। जोखिम कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को विविधतापूर्ण बनाना भी महत्वपूर्ण है।

कारक प्रभाव
भू-राजनीतिक तनाव बाजार में अनिश्चितता और गिरावट
फेडरल रिजर्व के निर्णय ब्याज दरों में बदलाव से बाजार में अस्थिरता
विदेशी निवेशकों की बिकवाली बाजार से पूंजी का पलायन और शेयरों की कीमतों में गिरावट
आर्थिक मंदी कंपनियों के मुनाफे में कमी और निवेशकों के विश्वास में कमी

निष्कर्ष

शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। निवेशकों को घबराने के बजाय धैर्य रखना चाहिए और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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