
उदयपुर फाइल्स: फिल्म पर विवाद और कोर्ट में सुनवाई
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद से ही इसका विरोध हो रहा है। फिल्म और इसके निर्माताओं के खिलाफ कई जगहों पर अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इस पर राजनीति भी हो रही है। इन विवादों के बीच, ‘उदयपुर फाइल्स’ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष
सीनियर वकील कपिल सिब्बल याचिका दायर करने वालों का पक्ष कोर्ट में रख रहे हैं। उन्होंने फिल्म पर हैरानी जताई और कहा, “हम काफी स्तब्ध हैं।”
सरकार का पक्ष
वहीं, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने हाईकोर्ट में कहा, “हमें अभी-अभी एक सबमिशन नोट दिया गया है।” दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, “हम मामले पर दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करेंगे।”
यह फिल्म 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है और 11 जुलाई को रिलीज होने वाली है।
वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का बयान
वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, “जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म उदयपुर फाइल्स ज्ञानवापी की सच्चाई दिखाती है।” उन्होंने कहा, “मुस्लिम पक्ष ने फिल्म का विरोध किया है और रिलीज से पहले इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हम सभी ने इस फिल्म को कर-मुक्त बनाने और सिनेमाघरों को सुरक्षा देने की मांग की है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
मदन राठौड़ का बयान
राजस्थान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने जोधपुर दौरे पर फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर हो रही राजनीतिक बयानबाजी के सवाल पर कहा, “मौलिक अधिकार सभी को प्राप्त है। फिल्म बनाने का अधिकार सभी को है, कोर्ट में जाने का अधिकार भी सभी को है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, यदि विरोध होता है तो राज्य सरकार का काम है, कानून व्यवस्था बनाए रखना।”
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका
बीते हफ्ते, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए और इसके ट्रेलर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया जाए।
फिल्म की कहानी
‘उदयपुर फाइल्स’ की कहानी उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की जघन्य हत्या, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर आधारित है। यह फिल्म 11 जुलाई को देश और दुनिया भर के लगभग चार हजार सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है।
विरोध के कारण
तमाम मुस्लिम संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं और लोगों से बायकॉट करने की अपील कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस फिल्म में मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से चित्रित किया गया है और इसका कंटेंट सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ सकता है। फिल्म में दिखाई गई घटनाओं को लेकर कई समुदायों में आक्रोश है। फिल्म के कुछ दृश्य अत्यधिक ग्राफिक और परेशान करने वाले हैं, जिससे दर्शकों में डर और चिंता पैदा हो सकती है। फिल्म में इस्तेमाल की गई भाषा कुछ लोगों को अपमानजनक लग सकती है।
फिल्म से जुड़े विवाद
फिल्म की रिलीज से पहले ही कई विवाद सामने आ चुके हैं। कुछ लोगों ने फिल्म के कंटेंट पर आपत्ति जताई है, जबकि कुछ लोगों ने फिल्म के निर्माताओं पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। फिल्म के खिलाफ कई प्रदर्शन भी हुए हैं। इन विवादों के कारण, फिल्म की रिलीज को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
फिल्म का उद्देश्य
फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि फिल्म का उद्देश्य उदयपुर में हुई घटनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उनका कहना है कि फिल्म किसी भी समुदाय को बदनाम करने के इरादे से नहीं बनाई गई है।
फिल्म का प्रभाव
यह देखना बाकी है कि फिल्म का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कुछ लोगों का मानना है कि फिल्म से समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि फिल्म से लोगों को सच्चाई जानने में मदद मिलेगी।
फिल्म की रिलीज
फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली है। यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म को दर्शकों से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।
फिल्म के मुख्य कलाकार
कलाकार का नाम | भूमिका |
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अनुपम खेर | |
पल्लवी जोशी | |
मिथुन चक्रवर्ती |
फिल्म में कई अन्य कलाकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
- फिल्म का उद्देश्य समाज को जागरूक करना है।
- फिल्म को लेकर कई विवाद सामने आए हैं।