
सागर: एक ऐतिहासिक धरोहर या सुसाइड पॉइंट?
लाखा बंजारा झील: इतिहास और वर्तमान
मध्य प्रदेश के सागर शहर की शान, लाखा बंजारा झील, कभी अपने सौंदर्य और इतिहास के लिए जानी जाती थी। यह झील, जो लाखा बंजारा के परिवार के बलिदान की कहानी कहती है, अब एक दुखद कारण से चर्चा में है: आत्महत्याएं। पिछले दो वर्षों में, इस झील को ‘सुसाइड पॉइंट’ के नाम से जाना जाने लगा है, जिससे इसकी ऐतिहासिक छवि धूमिल हो रही है।
एलिवेटेड कॉरिडोर: विकास या विनाश?
इस दुर्भाग्यपूर्ण बदलाव का कारण झील पर दो साल पहले बना एलिवेटेड कॉरिडोर माना जा रहा है, जिसे मुंबई के सी-लिंक की तर्ज पर बनाया गया था। हालांकि, इस कॉरिडोर के बनने के बाद से ही आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं।
शहर के निवासियों का मानना है कि झील को इस तरह बदनाम करना गलत है। यह सिर्फ एक झील नहीं, बल्कि शहर की संस्कृति और इतिहास का अभिन्न अंग है।
सुरक्षा उपाय: प्रस्ताव और वास्तविकता
मार्च में एलिवेटेड कॉरिडोर के डिवाइडर पर ऊंची जाली लगाने का प्रस्ताव बजट में पास किया गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है। पिछले हफ्ते ही दो लोगों ने यहां आत्महत्या की थी। पिछले दो वर्षों में 27 लोग एलिवेटेड कॉरिडोर से कूद चुके हैं, जिनमें से 15 की जान चली गई।
सौंदर्यीकरण: एक नजर में
विशेषता | विवरण |
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लागत | 100 करोड़ रुपये |
उद्देश्य | झील का सौंदर्यीकरण और पर्यटन को बढ़ावा देना |
कार्य | तालाब की खुदाई, घाटों का निर्माण, मंदिरों का जीर्णोद्वार, पाथवे और लाइटिंग |
एलिवेटेड कॉरिडोर | 65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, यातायात को कम करने के लिए |
शहर का नाम: सागर
यह शहर इस झील के नाम पर ही बसा है। 400 एकड़ में फैली यह झील सागर जैसी दिखाई देती है, इसलिए इसका नाम सागर रखा गया।
पर्यटन स्थल: एक नया दृष्टिकोण
सागर झील को बनारस के घाटों और मुंबई के सी-लिंक जैसा बनाने का प्रयास किया गया है। यहां झील की लहरों पर क्रूज भी चलाया जा रहा है, जिससे यह एक नया पर्यटन स्थल बन गया है।
आगे की राह: सुरक्षा और संरक्षण
यह जरूरी है कि प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कदम उठाएं। सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए, और झील की सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।