राजेश खन्ना: वो सुपरस्टार जिनके डायलॉग हिट थे!

राजेश खन्ना: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार
बॉलीवुड में कई महान कलाकार हुए, जैसे दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन। लेकिन राजेश खन्ना, जिन्हें अक्सर पहला सुपरस्टार माना जाता है, की बात ही कुछ और थी। उनकी स्क्रीन पर उपस्थिति दर्शकों को बांध लेती थी। उनके डायलॉग बोलने का अंदाज ऐसा था कि लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे।
‘आनंद’ के अमर डायलॉग
‘बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में है’ – फिल्म ‘आनंद’ का यह डायलॉग आज भी उतना ही मशहूर है। राजेश खन्ना के डायलॉग्स की लोकप्रियता ऐसी थी कि लोग सिनेमाघरों में तालियां बजाते थे और बार-बार इसे सुनने के लिए टिकट खरीदते थे। उनकी डायलॉग डिलीवरी में एक खास लय और भाव था, जो उन्हें बाकी अभिनेताओं से अलग करता था।
डायलॉग डिलीवरी की अनूठी शैली
राजेश खन्ना की डायलॉग डिलीवरी की शैली में एक अलग तरह का आकर्षण था। वे शब्दों को जिस तरह से पेश करते थे, वह सीधा दर्शकों के दिल में उतर जाता था। उनकी आवाज में एक खास तरह की कशिश थी, जो लोगों को अपनी ओर खींचती थी।
राजेश खन्ना का करियर: ऊंचाइयां और उतार-चढ़ाव
राजेश खन्ना ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, स्टारडम का सुख भोगा और करियर का डूबना भी देखा। फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 17 हिट फिल्में देने वाले इस सुपरस्टार का रिकॉर्ड आज भी कायम है और इसे तोड़ पाना मुश्किल लगता है।
17 लगातार हिट फिल्में
राजेश खन्ना ने अपने करियर के चरम पर लगातार 17 हिट फिल्में दीं, जो एक रिकॉर्ड है। उनकी फिल्मों की सफलता का श्रेय उनकी एक्टिंग के साथ-साथ बेहतरीन कहानी और संगीत को भी जाता है।
रोमांटिक इमेज और महिला फैंस
राजेश खन्ना की रोमांटिक इमेज और अनोखा अंदाज, जैसे सिर झटकने की स्टाइल और मुस्कान ने उन्हें लाखों लोगों, खासकर महिला दर्शकों का चहेता बना दिया। उनकी फिल्में प्रेम और रोमांस से भरपूर होती थीं, जो युवाओं को बहुत पसंद आती थीं।
राजेश खन्ना: कुछ रोचक बातें
- 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे इस सुपरस्टार ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं।
- 18 जुलाई 2012 को लंबी बीमारी के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
- उनकी ज्यादातर फिल्मों में किशोर कुमार की आवाज थी, जो उनकी इमेज के साथ पूरी तरह मेल खाती थी।
- साल 1971 में फिल्म ‘आनंद’ में उनका किरदार लोगों के दिलों को छू गया।
निजी जीवन और राजनीति
राजेश खन्ना जितना अपनी प्रोफेशनल लाइफ के लिए चर्चा में रहे, उतना ही वह अपनी निजी लाइफ के लिए भी रहे। उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी की, जो उस समय 16 साल की थीं और उनकी बहुत बड़ी फैन थीं। उन्होंने अभिनय के अलावा फिल्ममेकिंग में भी हाथ आजमाया। बाद में वे राजनीति में उतरे और कांग्रेस पार्टी से सांसद भी रहे।
राजेश खन्ना की फिल्में:
फिल्म | साल | भूमिका |
---|---|---|
आनंद | 1971 | आनंद |
अमर प्रेम | 1972 | आनंद बाबू |
कटी पतंग | 1971 | कमल राय |
बावर्ची | 1972 | रघु / बावर्ची |
राजेश खन्ना भले ही आज हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में आज भी प्रेरणा देने का काम करती हैं। आज भी जब पुरानी फिल्मों का जिक्र होता है तो राजेश खन्ना का नाम जरूर आता है।