पटना निजी स्कूलों पर सरकार की सख्ती: फीस वृद्धि पर रोक

पटना के निजी स्कूलों पर फीस वृद्धि को लेकर सरकार सख्त
पटना में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर सरकार ने लगाम कस दी है। अब निजी स्कूल 7% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मुख्य बातें:
- शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में फीस वृद्धि 2019-20 के मुकाबले 7% से अधिक नहीं होगी।
- यह नियम नामांकन शुल्क, पुनर्नामांकन शुल्क, विकास शुल्क, मासिक ट्यूशन शुल्क और वार्षिक शुल्क (यदि कोई हो) पर लागू होगा।
- स्कूलों को फीस वृद्धि की जानकारी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर देनी होगी।
अभिभावकों के लिए सूचना
यदि कोई निजी विद्यालय 7% से अधिक फीस बढ़ाता है, तो अभिभावक इसकी शिकायत क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पटना और आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना के यहाँ कर सकते हैं।
विद्यालयों के लिए निर्देश
बिहार निजी विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम, 2019 के अनुसार, सभी निजी विद्यालयों (अल्पसंख्यक विद्यालयों को छोड़कर) को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर पिछले और वर्तमान वर्ष के शुल्क का विवरण प्रकाशित करना अनिवार्य है। जिन विद्यालयों की वेबसाइट नहीं है, उन्हें तुरंत बनानी होगी।
अस्वीकृत प्रस्ताव
शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में 6 निजी विद्यालयों – बाल्डवीन सोफिया बोरिंग रोड, बाल्डवीन एकेडमी धवलपुरा, ट्रीनीटी ग्लोबल स्कूल ट्रान्सपोर्ट नगर, आर.पी.एस. पब्लिक स्कूल पटना-7, आर.पी.एस. रेसिडेन्सियल स्कूल दानापुर और आर.पी.एस. गर्ल्स स्कूल खगौल रोड – द्वारा 7% से अधिक फीस वृद्धि के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।
पारदर्शिता और विकल्प
बैठक में आयुक्त ने निर्देश दिया कि सभी विद्यालय अपनी वेबसाइट और सूचना पट्ट पर किताबें, ड्रेस सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सूची जारी करेंगे। अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार कहीं से भी ये वस्तुएं खरीद सकते हैं।
फीस संरचना का विनियमन
बिहार सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को विनियमित करने के लिए बिहार निजी विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2019 बनाया है। इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निजी स्कूल उचित फीस लें और अभिभावकों का शोषण न करें।
अधिनियम के मुख्य प्रावधान:
- स्कूलों को अपनी फीस संरचना को वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करना होगा।
- स्कूलों को फीस में वृद्धि करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी।
- अभिभावक फीस से संबंधित शिकायतों के लिए सरकार के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शुल्क वृद्धि का प्रभाव
फीस वृद्धि पर सरकार के नियंत्रण से अभिभावकों को राहत मिलेगी। अब उन्हें निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे शिक्षा सभी के लिए अधिक सस्ती हो जाएगी।
मद | विवरण |
---|---|
अधिनियम का नाम | बिहार निजी विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2019 |
उद्देश्य | निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को विनियमित करना |
अधिकतम वृद्धि सीमा | 7% |
शिकायत कहाँ करें | क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पटना और आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना |
वेबसाइट अनिवार्य है? | हाँ |
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम सराहनीय है और इससे शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। उम्मीद है कि इससे निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी और अभिभावकों को राहत मिलेगी।