सेल्फ स्टडी से NEET में इतिहास: सीतामढ़ी की मुस्कान आनंद
सीतामढ़ी की मुस्कान आनंद ने NEET UG 2025 में 643 अंक प्राप्त करके ऑल इंडिया रैंक 112 हासिल की है। यह सफलता उन्होंने बिना किसी कोचिंग के, केवल सेल्फ स्टडी के माध्यम से प्राप्त की। उनकी इस कामयाबी ने सीतामढ़ी और पूरे बिहार को गौरवान्वित किया है।
मुस्कान की सफलता के मुख्य बिंदु:
- मुस्कान आनंद ने NEET UG 2025 में 643 अंक प्राप्त किए।
- उन्होंने बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी से यह सफलता हासिल की।
- मुस्कान की कामयाबी सीतामढ़ी और बिहार के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
परिवार में खुशी का माहौल
मुस्कान की इस उपलब्धि पर उनके दादा शंकर प्रसाद, पिता शशि भूषण कुमार और मां रिंकी देवी बेहद खुश हैं। पूरे परिवार में जश्न का माहौल है। उनके पिता ने बताया कि मुस्कान शुरू से ही पढ़ाई के प्रति बहुत गंभीर थीं। उन्होंने कहा, “मुस्कान की मेहनत, लगन और अनुशासन का ही नतीजा है कि उसने पहली ही कोशिश में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया।”
सेल्फ स्टडी की रणनीति
मुस्कान ने अपनी सफलता का श्रेय सेल्फ स्टडी और मॉक टेस्ट को दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं लिया और न ही किसी ऑनलाइन कोर्स का सहारा लिया।
मॉक टेस्ट का महत्व
मुस्कान ने Local18 से बात करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी पूरी तैयारी अपने स्कूल कैंपस से ही की। वे नारायणा स्कूल, विजयवाड़ा में पढ़ती थीं। वहां के शिक्षकों ने उन्हें हर विषय को गहराई से समझाया, जिससे उनकी नींव मजबूत हुई। मुस्कान के अनुसार, मॉक टेस्ट ने उन्हें अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद की।
सोशल मीडिया से दूरी
मुस्कान ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। उन्होंने किसी भी बाहरी कोचिंग या ऑनलाइन कोर्स का सहारा नहीं लिया। वे कहती हैं, “हर चैप्टर को अच्छी तरह समझकर खुद से मॉक टेस्ट देना ही मेरी सबसे बड़ी तैयारी थी।”
सेल्फ स्टडी के लाभ
सेल्फ स्टडी के कई फायदे हैं। यह छात्रों को अपनी गति से सीखने, अपनी कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित करने और स्वतंत्र रूप से सोचने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है। मुस्कान की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सेल्फ स्टडी सही रणनीति और समर्पण के साथ किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका है।
विशेषता | विवरण |
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तैयारी का तरीका | सेल्फ स्टडी और मॉक टेस्ट |
सोशल मीडिया | सोशल मीडिया से दूरी |
स्कूल | नारायणा स्कूल, विजयवाड़ा |
सीतामढ़ी की बेटी बनी प्रेरणा
मुस्कान की इस कामयाबी पर पूरे जिले से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं। स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि और शिक्षक वर्ग भी उनकी तारीफ कर रहे हैं। यह कामयाबी विशेष रूप से बेटियों के लिए प्रेरणा है। मुस्कान ने साबित कर दिया कि अगर हौसला हो, तो कम संसाधनों में भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। मुस्कान कहती हैं कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को देती हैं। उनकी यह सफलता न सिर्फ परिवार, बल्कि सीतामढ़ी और पूरे बिहार को गौरवान्वित करती है।
भविष्य की योजनाएं
मुस्कान अब डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं। वे गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का इरादा रखती हैं। उनकी यह सोच उन्हें और भी महान बनाती है।