NDA से नेवी अफसर: हरिनी राघवेंद्रन की प्रेरणादायक कहानी

हरिनी राघवेंद्रन: NDA से नेवी अफसर बनने का सफर
बचपन की कल्पनाएं कभी-कभी हकीकत बन जाती हैं, और हरिनी राघवेंद्रन की कहानी इसी बात का प्रमाण है। NDA में चयन पाकर उन्होंने भारतीय नौसेना में अफसर बनने का गौरव हासिल किया है।
बचपन का सपना हुआ सच
हरिनी ने बचपन में एक क्रोशिया से बनी नौका की तस्वीर बनाई थी, जो समुद्र की लहरों पर तैरती हुई दिखती थी। यह तस्वीर उनके मन में छिपे एक बड़े सपने की झलक थी। आज, वह उसी सपने को साकार करते हुए नौसेना अधिकारी बनने की राह पर हैं।
तमिलनाडु की पहली नौसेना कैडेट
हरिनी, तमिलनाडु की पहली लड़की हैं जो इंडियन नेवल एकेडमी (INA), एझिमाला में शामिल होंगी। उन्होंने UPSC द्वारा आयोजित NDA/NA परीक्षा पास की है और अब वह चार साल की ट्रेनिंग के बाद बीटेक की डिग्री हासिल करेंगी।
UPSC परीक्षा और SSB: एक चुनौतीपूर्ण यात्रा
हरिनी ने चेन्नई के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट से तैयारी की और सितंबर 2024 में UPSC NDA परीक्षा में 279वीं रैंक हासिल की। इसके बाद, उन्होंने सेवा चयन बोर्ड (SSB) द्वारा आयोजित पांच चरणों वाली कठिन चयन प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक पार किया।
SSB की चुनौतियां
SSB प्रक्रिया में साइकोलॉजी टेस्ट, इंटरव्यू और मेडिकल जांच शामिल थे। हरिनी के अनुसार, मेडिकल जांच सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा था, जिसमें शरीर के हर हिस्से की जांच की जाती है।
खेलों से लगाव
हरिनी को बचपन से ही खेलों में रुचि रही है। उन्होंने पांच साल की उम्र में तैराकी शुरू कर दी थी और बाद में एथलेटिक्स और बास्केटबॉल में भी भाग लिया। उनके पिता ने भी उनकी खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया।
जागरूकता की कमी और प्रेरणा
मेजर माधवन कुमार का मानना है कि तमिलनाडु जैसे राज्यों में रक्षा क्षेत्र के बारे में जागरूकता कम है। हरिनी की कहानी दूसरों को प्रेरित कर सकती है।
प्रेरणादायक संदेश
हरिनी कहती हैं कि अगर उनकी कहानी किसी और को भी इस राह पर चलने की प्रेरणा दे सके, तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
हरिनी राघवेंद्रन की सफलता का सार
पहलू | विवरण |
---|---|
नाम | हरिनी राघवेंद्रन |
उपलब्धि | NDA में चयन, भारतीय नौसेना में अफसर |
प्रेरणा | बचपन का सपना, खेलों से लगाव |
चुनौती | UPSC परीक्षा, SSB प्रक्रिया |
संदेश | दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से सपने साकार होते हैं |
भविष्य की योजनाएं
हरिनी का लक्ष्य है कि वह नौसेना में उत्कृष्ट प्रदर्शन करें और देश की सेवा में अपना योगदान दें।