मध्य प्रदेश

परख रिपोर्ट: एमपी शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल

मध्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवालिया निशान

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने इन योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी “परख 2024” रिपोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर की पोल खोल दी है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • गणित में कमजोर: रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 9 के 60% से अधिक छात्र 7 का पहाड़ा नहीं जानते हैं, और कक्षा 6 के कई छात्र 100 तक की गिनती भी नहीं कर पाते हैं।
  • बुनियादी समझ का अभाव: तीसरी कक्षा के बच्चों में भी मूलभूत समझ की कमी देखी गई है।
  • पाठ समझने में कठिनाई: कक्षा 9 के 48% छात्र अपने पाठ को पढ़ और समझ नहीं सकते हैं।
  • गणितीय अवधारणाओं में कमजोरी: 69% छात्र अनुपात और दशमलव का उपयोग नहीं कर पाते हैं, और उन्हें पूर्णांक की समझ नहीं है।
  • ज्यामिति में कठिनाई: 64% छात्र कोण और त्रिभुज को हल नहीं कर पाते हैं, और 60% छात्र वर्गमूल और घनमूल हल करना नहीं जानते हैं।
  • प्रतिशत निकालने में असमर्थ: 73% छात्र प्रतिशत निकालने में असमर्थ हैं।

परख रिपोर्ट 2024: एक विश्लेषण

केंद्रीय स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा परख 2024 तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में देशभर के बच्चों की सीखने की क्षमता का मूल्यांकन किया गया है। मध्य प्रदेश से इस सर्वे में लगभग 1.40 लाख छात्र शामिल हुए थे। जिला स्तर पर, आधारभूत, प्रारंभिक और मध्य चरणों के अंत में दक्षताओं के विकास में आधारभूत प्रदर्शन को समझने के लिए प्रदेश में कक्षा 3 के 1992, कक्षा 6 के 1737 और कक्षा 9वीं के 2010 स्कूलों में सर्वेक्षण किया गया था।

कक्षा 6 के छात्रों की स्थिति

कक्षा 6 में 45% बच्चे ऐसे पाए गए जिन्हें 100 तक गिनती और 10 तक का पहाड़ा भी नहीं आता है। 43% बच्चों को सम और विषम संख्याओं का ज्ञान नहीं है, और 56% दूरी, लंबाई और समय की गणना करने में सक्षम नहीं हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा का स्तर कितना नीचे है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि गणित और भाषा दोनों ही विषयों में बच्चों की समझ औसत से काफी नीचे है।

खरगोन के लोगों की राय

लोकल 18 की टीम ने खरगोन के लोगों से इस बारे में राय जानी।

  • सुखदेव सिंह पटेल: दस साल पहले तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली काफी अच्छी हुआ करती थी, लेकिन फिर निजी स्कूलों में बच्चे जाने लगे, जिससे सरकारी स्कूलों पर प्रभाव पड़ा। सरकार को शिक्षकों पर बच्चों को पढ़ाने के अलावा जो अतिरिक्त कार्य दिए जाते हैं, उनके लिए अलग से टीम बनानी चाहिए। शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाने का ही काम दिया जाना चाहिए, जिससे बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा।
  • संजय सिंह पंवार: आंकड़े बहुत चिंताजनक हैं। सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्कूल प्रशासन को भी सख्ती बरतने की जरूरत है। कई बार स्कूलों में सख्ती नहीं होने की वजह से बच्चे दो-तीन पीरियड पढ़ने के बाद स्कूल से चले जाते हैं, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता, जिससे बच्चे ठीक से सीख नहीं पाते।
  • मोहित पटेल: स्कूलों में दक्ष शिक्षक पढ़ाने के लिए उपलब्ध तो हैं, पर मोबाइल की वजह से बच्चे ध्यान कम देते हैं। बच्चों को यह मानसिकता दूर करनी होगी कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती।
  • विनोद भार्गव: रिपोर्ट में जो आंकड़े आए हैं, वे प्रदेश के लिए बेहद चिंताजनक और शर्मसार करने वाले हैं, लेकिन इसके लिए सरकार, शिक्षकों या बच्चों में से किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता। आज भी सरकारी स्कूलों के रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं। स्थिति वहां ज्यादा खराब है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं जाते, या जाते ही नहीं, जिससे कई स्कूल खुल ही नहीं पाते। ऐसे में बच्चे पढ़ ही नहीं पाते तो सीखेंगे कैसे।

शिक्षकों की भूमिका और साक्षरता परीक्षण

शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा की जाती है, लेकिन समय-समय पर विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की साक्षरता का भी टेस्ट के जरिए पता लगाना चाहिए, ताकि पता चल पाए कि शिक्षक उस विषय को पढ़ाने के काबिल है या नहीं। भर्ती परीक्षा के प्रतिशत के आधार पर उसे शिक्षक नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि जहां शिक्षक पढ़ाने में अच्छे हैं, वहां का परिणाम अच्छा है, और जहां शिक्षक ही कमजोर हैं, वहां बच्चे कैसे कमजोर होंगे।

निष्कर्ष

परख रिपोर्ट 2024 मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है। सरकार को इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर ध्यान देना चाहिए और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए जाने चाहिए, और छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

पहलू निष्कर्ष सुझाव
गणितीय कौशल कमजोर बुनियादी गणित पर ध्यान दें, अभ्यास बढ़ाएं
समझ निम्न पठन कौशल विकसित करें, चर्चाओं को प्रोत्साहित करें
शिक्षक भिन्न प्रशिक्षण, मूल्यांकन, सहायता
बुनियादी ढांचा अपर्याप्त सुविधाओं में सुधार, संसाधन आवंटन

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