
मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
राजधानी भोपाल में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व्यापक रूप से देखने को मिला। विभिन्न श्रमिक संगठनों से जुड़े कर्मचारी सुबह 10:30 बजे डाक भवन के पास इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स के सामने एकत्र हुए। इसके बाद, सुबह 11 बजे एक संयुक्त रैली निकाली गई और सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
भोपाल में हड़ताल का असर
हड़ताल के कारण भोपाल में बैंकिंग और डाक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इसके अतिरिक्त, अन्य सार्वजनिक सेवाओं पर भी इसका असर देखा गया। हालांकि, रेलवे यूनियनों ने इस हड़ताल में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया, लेकिन उन्होंने आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया।
हड़ताल का कारण
आज देशभर में श्रमिक और कर्मचारी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हड़ताल में बैंक, डाक सेवा, परिवहन, कोयला, निर्माण और अन्य क्षेत्रों के लाखों कर्मचारी भाग ले रहे हैं। हड़ताल का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की उन नीतियों का विरोध करना है, जिन्हें श्रमिक संगठन ‘श्रमिक विरोधी’ और ‘जनविरोधी’ मानते हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
प्रदर्शनकारियों की कुल 17 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- न्यूनतम वेतन में वृद्धि
- स्थायी रोजगार की गारंटी
- निजीकरण पर रोक
- सामाजिक सुरक्षा
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
- ₹26,000 न्यूनतम वेतन
- एरियर्स का भुगतान
- खाली पदों पर भर्ती
कई प्रदेशों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
अन्य घटनाक्रम
बिहार बंद पर प्रतिक्रिया
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने राहुल गांधी के बिहार दौरे और महागठबंधन द्वारा आयोजित ‘बिहार बंद’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव के समय में ऐसे आयोजन होते रहते हैं, लेकिन इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता एनडीए के साथ है।
ट्रेड यूनियनों का भारत बंद
भोपाल में ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ‘भारत बंद’ का आह्वान किया, जिसमें राजधानी भोपाल भी पूरी मजबूती से शामिल रहा। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश के नेतृत्व में हड़ताली संगठनों के सदस्य एमपी नगर स्थित इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स (IPC) के सामने धरने पर बैठे।
चेतावनी
संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन रूप ले सकती है।
मांग | विवरण |
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न्यूनतम वेतन | वर्तमान वेतन बहुत कम है, इसमें वृद्धि होनी चाहिए। |
स्थायी रोजगार | अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। |
निजीकरण पर रोक | सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण नहीं होना चाहिए। |
सामाजिक सुरक्षा | सभी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। |