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हरियाणा: नर्सरी, LKG, UKG कक्षाएं बंद करने के आदेश

हरियाणा में नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी कक्षाएं बंद करने के आदेश

हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं को बंद करने का आदेश जारी किया है. इस फैसले का उद्देश्य बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से परिपक्व होने के लिए पर्याप्त समय देना है। रोहतक के जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी नांदल ने इस संबंध में जानकारी दी।

फैसले का कारण

सरकार का मानना है कि छोटे बच्चों को औपचारिक शिक्षा शुरू करने से पहले खेलने और विकसित होने का अवसर मिलना चाहिए। कम उम्र में स्कूल भेजने से बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ सकता है। इसलिए, सरकार ने यह निर्णय लिया है कि बच्चों को 5 साल की उम्र के बाद ही स्कूल में दाखिला लेना चाहिए।

  • बच्चों को मानसिक रूप से परिपक्व होने का समय मिलेगा।
  • शारीरिक विकास के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
  • खेलने और सीखने का सही माहौल मिलेगा।

शिक्षा अधिकारियों का दृष्टिकोण

शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि बच्चों को आंगनवाड़ी या प्ले स्कूल में जाना चाहिए, जहां वे खेल-खेल में सीख सकते हैं। औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चों को मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है।

आंगनवाड़ी और प्ले स्कूल की भूमिका

आंगनवाड़ी और प्ले स्कूल बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक रूप से विकसित होने में मदद करते हैं। यहां बच्चे अन्य बच्चों के साथ खेलना सीखते हैं, जिससे उनका सामाजिक विकास होता है। इसके अलावा, वे अक्षरों और संख्याओं की बुनियादी जानकारी भी प्राप्त करते हैं।

अभिभावकों की प्रतिक्रिया

इस फैसले पर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि कुछ अभिभावकों ने चिंता जताई है कि इससे बच्चों की शिक्षा में देरी होगी।

  • समर्थन करने वाले अभिभावक: उनका मानना है कि बच्चों को कम उम्र में स्कूल भेजने से उन पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
  • विरोध करने वाले अभिभावक: उनका कहना है कि इससे बच्चों की शिक्षा में देरी होगी और वे अन्य बच्चों से पिछड़ जाएंगे।

फैसले का प्रभाव

इस फैसले से राज्य के निजी स्कूलों पर असर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी कक्षाएं बंद करनी होंगी। इसके अलावा, आंगनवाड़ी और प्ले स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ सकती है।

पहलू प्रभाव
निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी कक्षाएं बंद
आंगनवाड़ी/प्ले स्कूल बच्चों की संख्या में वृद्धि
अभिभावक मिश्रित प्रतिक्रिया

निष्कर्ष

हरियाणा सरकार का यह फैसला बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार का मानना है कि बच्चों को उचित समय पर ही औपचारिक शिक्षा शुरू करनी चाहिए। हालांकि, इस फैसले पर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है, लेकिन सरकार का उद्देश्य बच्चों के हित में बेहतर निर्णय लेना है।

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