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Countries with more women population than men: भारत समेत दुनिया के कई देशों में जनसंख्या असंतुलन की समस्या है. चीन-भारत और ऐसे कई एशियाई देश हैं, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों के अनुपात में काफी कम है. यही वजह है कि उन्हें शादी के लिए दूसरे देशों में दुल्हनें तक ढूंढनी पड़ती हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे देशों के बारे में बताएंगे, जहां महिलाएं की संख्या ज्यादा है लेकिन पुरुष कम हैं.

चीन-भारत और ऐसे कई एशियाई देश हैं, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों के अनुपात में काफी कम है. यही वजह है कि उन्हें शादी के लिए दूसरे देशों में दुल्हनें तक ढूंढनी पड़ती हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे देशों के बारे में बताएंगे, जहां महिलाएं की संख्या ज्यादा है लेकिन पुरुष कम हैं.

दिजिबूती नाम के देश में कुल जनसंख्या में 55 फीसदी की भागीदारी महिलाओं की है. यहां हर एक पुरुष पर दो महिलाओं का अनुपात है. यहां इस स्थिति की वजह भौगोलिक है क्योंकि ज्यादातर पुरुष काम के लिए बाहर खाड़ी देशों में चले जाते हैं और देश के अंदर जेंडर गैप बढ़ता चला जाता है.

कुछ ऐसा ही हाल हॉन्ग कॉन्ग में भी है. यहां हर लिंग अनुपात 1.16 है. इसके पीछे की वजहों में पहला तो ये है कि घरेलू काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं हैं और दूसरा फैक्ट ये है कि यहां महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा लंबी जिंदगी जीती हैं.

लिथुआनिया में भी जेंडर रेशियो हॉन्ग कॉन्ग जैसा ही है. यहां भी महिलाएं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, खासकर बुजुर्ग वर्ग में. पुरुषों में बीमारियां ज्यादा होती हैं, जबकि महिलाएं उनकी अपेक्षा ज्यादा जीती हैं.

अगला नाम बहमास का है. ये देश छोटा सा है और यहां की जनसंख्या भी कम है लेकिन यहां भी महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा हैं. वजह यहां भी वही है, महिलाओं की ज़िंदगी पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा है.

इस लिस्ट में छठें नंबर पर रूस है. दुनियाभर में रूस को उसके लैंगिक अनुपात बिगड़ने की वजह से जाना जाता है. यहां लगभग हर आयु वर्ग में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. यहां के पुरुष स्वास्थ्य, नशे की आदत और खासतौर पर लंबी चलने वाली लड़ाइयों में अपनी जान गंवा बैठते हैं, जबकि महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होता. इसके साथ ही रशियन महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए भी दुनियाभर में मशहूर हैं, खासतौर एशियाई देशों में उन्हें अपनी अलग किस्म की सुंदरता के लिए खूब पसंद किया जाता है.

रूस का जानी दुश्मन और युद्धग्रस्त देश यूक्रेन भी जेंडर इम्बैलेंस से गुजर रहा है. यहां भी महिलाओं और पुरुषों के अनुपात की बात करें तो प्रति 100 महिलाओं पर सिर्फ 87 पुरुष हैं. यानि पूरे देश की आबादी में 53 फीसदी जनसंख्या सिर्फ महिलाओं की है.

बेलारूस में भी रूस की तरह ही महिलाओं की जनसंख्या स्पष्ट रूप से पुरुषों से ज्यादा है. ये समस्या शहरों में ज्यादा है और इसकी वजह यहां भी पुरुषों की छोटी ज़िंदगी और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं.

लताविया और अंगुइला नाम के देश भी महिला- पुरुष के बिगड़े हुए लिंगानुपात से जूझ रहे हैं. लताविया में पुरुषों की छोटी जिंदगी और स्वास्थ्य समस्याएं वजह हैं तो अंगुइला में बड़ी वजह यहां से होने वाला पुरुषों का पलायन है.

पुअर्टो रिको और मोल्दोवा नाम के देशों की बात करें, तो यहां भी पुरुषों के काम की तलाश में अमेरिका या फिर यूरोपियन देशों में चले जाने की वजह से महिलाओं की जनसंख्या ज्यादा है, जबकि पुरुष कम हो गए हैं. इन दोनों देशों में जेंडर रेशियो 1.12 का है. (All Photos Credit- Canva)