
बुरहानपुर के प्रसिद्ध शिव मंदिर: श्रावण मास में दर्शन कर बदलें अपनी किस्मत
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में श्रावण मास के दौरान भक्तों की भारी भीड़ प्राचीन शिव मंदिरों में दर्शन के लिए उमड़ती है। यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा इतिहास और महत्व है। यदि आप श्रावण मास में शिव मंदिरों के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो बुरहानपुर में अवश्य जाने योग्य पांच मंदिर यहां दिए गए हैं:
- असीरगढ़ का शिव मंदिर
- संगमेश्वर महादेव मंदिर
- गुप्तेश्वर महादेव मंदिर
- नागझिरी घाट स्थित शिव मंदिर
- ताप्ती नदी तट स्थित शिवलिंग
असीरगढ़ का शिव मंदिर: अश्वत्थामा से जुड़ी मान्यता
असीरगढ़ का शिव मंदिर बुरहानपुर के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और यह अपनी अनूठी वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि आज भी अश्वत्थामा इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।
मंदिर की वास्तुकला और महत्व
असीरगढ़ का शिव मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर और मंडप हैं, जो इसे एक विशेष धार्मिक स्थल बनाते हैं। श्रावण मास में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।
संगमेश्वर महादेव मंदिर: भगवान स्वामीनारायण की तपस्या स्थली
मोहन संगम तट पर स्थित श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिवजी की प्रतिमा बहुत प्राचीन है। इस मंदिर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि भगवान स्वामीनारायण ने यहां तपस्या की थी।
- मंदिर का शांत वातावरण ध्यान और साधना के लिए उत्तम है।
- श्रावण मास में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है।
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर: महाभारत काल से जुड़ा इतिहास
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भी बुरहानपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह मंदिर एक गुफा में स्थित है, जिससे इसका नाम गुप्तेश्वर पड़ा।
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | गुफा में स्थित |
इतिहास | महाभारत काल से जुड़ा |
महत्व | प्राचीन मंदिर, शांत वातावरण |
नागझिरी घाट स्थित शिव मंदिर: भगवान राम द्वारा स्थापित
नागझिरी घाट पर स्थित शिव मंदिर का भी अपना विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान श्री राम ने स्वयं शिवजी की प्रतिमा स्थापित की थी। यह मंदिर ताप्ती नदी के किनारे स्थित है, जो इसे एक सुंदर और शांत वातावरण प्रदान करता है।
- मंदिर का शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है।
- श्रावण मास में यहां विशेष रूप से भक्तों की भीड़ होती है।
ताप्ती नदी तट स्थित शिवलिंग: निमाड़ क्षेत्र का सबसे बड़ा शिवलिंग
ताप्ती नदी के तट पर स्थित शिवलिंग निमाड़ क्षेत्र का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। यह शिवलिंग प्राचीन सिद्धेश्वर गणेश मंदिर के पास स्थित है। श्रावण मास में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं।
श्रावण मास में शिव आराधना का महत्व
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि श्रावण मास में शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए, बुरहानपुर के इन प्राचीन शिव मंदिरों में दर्शन करने से आपको विशेष फल प्राप्त हो सकता है।