
क्या कंप्यूटर साइंस (CSE) ही बीटेक में सफलता की गारंटी है?
Btech 2025 में, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) ब्रांच की अत्यधिक मांग के बीच, यह सवाल उठता है कि क्या केवल CSE में पढ़ाई ही उच्च वेतन और करियर में सफलता की गारंटी है? सुंदर पिचाई और सत्य नडेला जैसे दिग्गजों ने अन्य ब्रांचों से भी सफलता प्राप्त की है। सफलता के लिए केवल एक ब्रांच पर निर्भर रहना सही नहीं है।
आईआईटी में कंप्यूटर साइंस की मांग
आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपल आईटी (IIIT) जैसे सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इंजीनियर बनने का सपना देख रहे छात्रों के बीच आजकल कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) की जबरदस्त मांग है। यही कारण है कि किसी भी कॉलेज में बीटेक के लिए कंप्यूटर साइंस ब्रांच का कटऑफ सबसे अधिक रहता है। जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड में कम रैंक वाले छात्रों को कंप्यूटर साइंस में प्रवेश मिलना मुश्किल हो जाता है।
सफलता के लिए आवश्यक कौशल
कोई भी ब्रांच, चाहे वह कंप्यूटर साइंस हो या कोई अन्य, अपने आप में सफलता और उच्च वेतन की गारंटी नहीं देती है। सफलता और उच्च वेतन का वास्तविक आधार कौशल, अवसरों को समझने की क्षमता, नेटवर्किंग और लगातार सीखते रहने की इच्छा है।
- तकनीकी कौशल
- समस्या-समाधान कौशल
- संचार कौशल
- नेतृत्व कौशल
सुंदर पिचाई: मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग से गूगल के सीईओ
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई 12वीं के बाद आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहते थे। लेकिन आईआईटी-जेईई में अच्छी रैंक न होने के कारण उन्हें आईआईटी खड़गपुर में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग ब्रांच मिली। आईआईटी-जेईई में उनकी रैंक 1100 से 1200 के बीच थी। उन्होंने 1993 में न केवल बीटेक किया, बल्कि बीसी रॉय सिल्वर मेडल से भी सम्मानित किए गए।
सुंदर पिचाई ने बीटेक के बाद स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से मटेरियल साइंस में मास्टर्स और पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया।
सत्य नडेला: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने किसी आईआईटी या एनआईटी के बजाय मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (Btech 2025) किया था। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन से कंप्यूटर साइंस में एमएस किया। फिर यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एग्जीक्यूटिव एमबीए की डिग्री ली।
राजेश गोपीनाथन: इलेक्ट्रिकल से टीसीएस के सीईओ
टीसीएस के पूर्व सीईओ राजेश गोपीनाथन ने भी कंप्यूटर साइंस के बजाय इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक एनआईटी त्रिची से किया था। इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पीजीडीएम किया। टीसीएस में 25 साल काम करने के बाद सीईओ बने और अरबों डॉलर का बिजनेस संभाला।
अन्य सफल व्यक्ति
ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं जहां लोगों ने कंप्यूटर साइंस के अलावा अन्य क्षेत्रों में बीटेक करके सफलता प्राप्त की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने चुने हुए क्षेत्र में कड़ी मेहनत करें और आवश्यक कौशल विकसित करें।
नाम | कंपनी | शिक्षा |
---|---|---|
सुंदर पिचाई | गूगल | मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, एमबीए |
सत्य नडेला | माइक्रोसॉफ्ट | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस |
राजेश गोपीनाथन | टीसीएस | इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, पीजीडीएम |
निष्कर्ष
बीटेक में सफलता के लिए कंप्यूटर साइंस एकमात्र रास्ता नहीं है। यदि आपके पास अन्य क्षेत्रों में रुचि और कौशल है, तो आप उनमें भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने जुनून का पालन करें और कड़ी मेहनत करें।
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