मनोरंजन

भूमि पेडनेकर: किरदार में जान डालने वाली अभिनेत्री

भूमि पेडनेकर: बॉलीवुड की बहुमुखी प्रतिभा

बॉलीवुड में, जहां कई सितारे केवल चकाचौंध और ग्लैमर पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं भूमि पेडनेकर एक ऐसी अभिनेत्री हैं जो हर भूमिका को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाती हैं। उनके लिए, कोई भी भूमिका केवल स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं होती है, बल्कि वे उसमें पूरी तरह से उतर जाती हैं। वे अपने किरदारों को जीवंत करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं, चाहे वह शारीरिक परिवर्तन करना हो या गहन शोध करना हो।

भूमिकाओं के लिए समर्पण

  • वजन बढ़ाना: 2015 में आई फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ में, भूमि ने एक मोटी लड़की का किरदार निभाने के लिए लगभग 12 किलो वजन बढ़ाया था। यह उनके समर्पण का एक स्पष्ट उदाहरण था, क्योंकि उन्होंने शारीरिक रूप से खुद को एक ऐसे किरदार में बदलने के लिए तैयार किया जो उनसे बहुत अलग था।
  • बंदूक चलाना सीखना: 2019 की फिल्म ‘सोनचिरैया’ के लिए, उन्होंने बंदूक चलाने का प्रशिक्षण लिया और गांव में रहकर वहां की जिंदगी को करीब से जाना। उन्होंने न केवल बंदूक चलाना सीखा, बल्कि ग्रामीण जीवन की बारीकियों को भी समझा, ताकि वे अपनी भूमिका को और अधिक प्रामाणिक बना सकें।
  • आंतरिक तैयारी: भूमि के लिए, तैयारी केवल बाहरी नहीं होती है, बल्कि अंदर से भी होती है – दिमाग से, दिल से और जज्बे से। वे अपने किरदारों की मानसिकता और भावनाओं को समझने के लिए गहराई से सोचती हैं और महसूस करती हैं।

करियर की शुरुआत और सफलता

2015 में ‘दम लगा के हईशा’ से उन्होंने अभिनेत्री के तौर पर डेब्यू किया और पहली ही फिल्म से लोगों का दिल जीत लिया। इस रोल के लिए उन्हें फिल्मफेयर का ‘बेस्ट डेब्यू’ अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘बाला’ जैसी हिट फिल्मों में उन्होंने छोटे शहर की मजबूत और जिद्दी महिलाओं का किरदार निभाया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाई हैं, और हर बार उन्होंने अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया है।

‘सोनचिरैया’ और ‘सांड की आंख’

फिल्म ‘सोनचिरैया’ में, वह एक दबंग महिला बनीं। इसके लिए उन्होंने दो महीने तक शूटिंग से पहले ट्रेनिंग ली, बंदूक चलाना सीखा और गांव में रहकर वहां की जिंदगी को महसूस किया। फिर ‘सांड की आंख’ में उन्होंने एक 70 साल की शूटर दादी का रोल निभाया। घंटों तक प्रोस्थेटिक मेकअप पहनना पड़ा, लेकिन उन्होंने शिकायत नहीं की – रोल में जान डाल दी। इन भूमिकाओं ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा और समर्पण को और अधिक उजागर किया।

फिल्म भूमिका तैयारी
दम लगा के हईशा मोटी लड़की 12 किलो वजन बढ़ाया
सोनचिरैया दबंग महिला बंदूक चलाने का प्रशिक्षण, ग्रामीण जीवन का अनुभव
सांड की आंख शूटर दादी प्रोस्थेटिक मेकअप, बुजुर्ग महिला का अध्ययन

पुरस्कार और सम्मान

भूमि को अब तक तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं। उनके अभिनय को न सिर्फ दर्शकों ने पसंद किया बल्कि क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा। उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ ग्लैमर के लिए नहीं, बल्कि दमदार और चुनौतीपूर्ण रोल्स के लिए ही बनी हैं।

सामाजिक योगदान

अभिनेत्री के साथ-साथ भूमि एक सक्रिय पर्यावरणविद भी हैं। वह यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ी हुई हैं और क्लाइमेट चेंज को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करती हैं। फिल्मों के बाहर भी उनका फोकस समाज और धरती के लिए कुछ अच्छा करने पर रहता है। वह एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं जो न केवल अपनी कला के प्रति समर्पित हैं, बल्कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रही हैं।

भूमि पेडनेकर वास्तव में एक ऐसी अभिनेत्री हैं जो हर रोल में जान फूंक देती हैं – चाहे वह एक गांव की औरत हो या शूटर दादी। उनका समर्पण, प्रतिभा और सामाजिक चेतना उन्हें बॉलीवुड में एक अनूठी और महत्वपूर्ण शख्सियत बनाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button