भोपाल SC छात्रावास: खाली कराने की साजिश?

भोपाल SC छात्रावास: खाली कराने की साजिश? छात्रों का विरोध
भोपाल के डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास को जर्जर बताकर खाली कराने की तैयारी पर छात्रों का विरोध। क्या है पूरा मामला? आईये जानते हैं।
छात्रावास को जर्जर घोषित: छात्रों का आरोप
राजधानी भोपाल में स्थित डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास को जर्जर घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद प्रशासन इसे खाली कराने की तैयारी में है। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि सरकार साजिश करके उन्हें हटाना चाहती है। उनका कहना है कि छात्रावास की मरम्मत की मांग करने पर प्रशासन ने रोक लगा दी।
ग्राउंड रिपोर्ट: छात्रावास की स्थिति
Local18 की टीम ने छात्रावास का दौरा किया और पाया कि कमरों की स्थिति ठीक है, लेकिन वॉशरूम जर्जर हालत में हैं। छात्रों को दूसरे वॉशरूम का इस्तेमाल करना पड़ता है।
छात्रों की मांग और सरकार का रुख
छात्रों का कहना है कि उन्होंने केवल छात्रावास की मरम्मत की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे जर्जर घोषित कर दिया। वे छात्रावास खाली करने को तैयार नहीं हैं और नए छात्रावास बनाने के लिए पर्याप्त जगह होने की बात कह रहे हैं।
-
छात्रों की मुख्य मांगे:
- तत्काल छात्रावास की मरम्मत की जाए।
- नए छात्रों के प्रवेश पर लगी रोक हटाई जाए।
- छात्रावास को खाली करने का आदेश वापस लिया जाए।
-
सरकार का पक्ष:
- छात्रावास की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है।
- छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे खाली कराया जा रहा है।
- जल्द ही नए छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
जर्जर घोषित करने की वजह
हाल ही में भोपाल में पुराने एमएलए क्वार्टर के पास जर्जर मकान गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने सभी जर्जर मकानों को चिन्हित करना शुरू कर दिया। इसी कड़ी में डॉ. अंबेडकर छात्रावास को भी रहने लायक नहीं माना गया। छात्रावास का निर्माण 1968 में हुआ था और लंबे समय से इसकी मरम्मत नहीं हुई है।
छात्रों का भविष्य अनिश्चित
छात्रावास खाली होने की स्थिति में छात्रों का भविष्य अनिश्चित है। कई छात्र गरीब परिवारों से हैं और उनके पास रहने के लिए कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। सरकार को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें उचित आवास उपलब्ध कराना चाहिए।
पहलू | विवरण |
---|---|
छात्रावास का नाम | डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास |
स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश |
निर्माण वर्ष | 1968 |
स्थिति | जर्जर घोषित |
छात्रों की मांग | मरम्मत और नवीनीकरण |