IJSO: भारत ने जीता गोल्ड, रचा इतिहास!

IJSO में भारत का स्वर्णिम प्रदर्शन
कतर की राजधानी दोहा में आयोजित 16वें इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड (IJSO) में भारतीय छात्रों ने अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। इस वर्ष, भारत ने 55 देशों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जो IJSO के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सफलता है। सभी छह भारतीय छात्रों ने स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।
स्वर्णिम सफलता का विवरण
यह पहली बार है कि IJSO में किसी देश के सभी प्रतिभागियों ने स्वर्ण पदक जीते हैं। भारतीय टीम का यह असाधारण प्रदर्शन न केवल उनकी प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि उनके शिक्षकों और प्रशिक्षकों के समर्पण को भी दर्शाता है।
- आयोजन स्थल: दोहा, कतर
- ओलम्पियाड: 16वां इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड (IJSO)
- उपलब्धि: सभी 6 छात्रों द्वारा स्वर्ण पदक
- स्थान: भारत 55 देशों में शीर्ष पर
छात्रों का योगदान
स्वर्ण पदक जीतने वाले छात्रों में अरनव आदित्य सिंह, अथर्व शिवराम महाजन, कृष्णा शर्मा, माहित राजेश गढ़ीवाला, मनप्रीत सिंह और प्रियांशु यादव शामिल हैं। इन सभी छात्रों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है। कृष्णा शर्मा ने बहुविकल्पीय प्रश्नों के पेपर में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जो उनकी असाधारण प्रतिभा को दर्शाता है।
छात्रों की पृष्ठभूमि
ये सभी छात्र कोटा के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट से हैं, जो देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक प्रमुख संस्थान है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ने इन छात्रों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया, जिससे उन्हें IJSO में सफलता प्राप्त करने में मदद मिली।
प्रतिस्पर्धा का विवरण
IJSO एक वार्षिक कार्यक्रम है जो 15 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है। इस ओलम्पियाड में विज्ञान के विभिन्न विषयों जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। छात्रों को सैद्धांतिक और प्रायोगिक दोनों तरह की परीक्षाओं में भाग लेना होता है।
परीक्षा का प्रकार | विवरण |
---|---|
सैद्धांतिक परीक्षा | बहुविकल्पीय और विस्तृत उत्तर वाले प्रश्न |
प्रायोगिक परीक्षा | छात्रों को समूह में प्रदर्शन करना होता है, जिसमें उनके वैज्ञानिक कौशल का मूल्यांकन किया जाता है |
होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन की भूमिका
भारतीय टीम का निर्देशन मुंबई के प्रो. विनायक कठारे, प्रो. चित्रा जोशी और एचबीसीएसई के विक्रांत घनेकर ने किया। होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (HBCSE) भारत में विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। HBCSE ने भारतीय छात्रों को IJSO के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पूर्व की उपलब्धियां
भारत का IJSO में उत्कृष्ट प्रदर्शन का इतिहास रहा है। 2018 में, भारतीय टीम ने इंटरनेशनल फिजिक्स ओलम्पियाड (IPHO) में सभी 5 स्वर्ण पदक जीते थे। यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत में विज्ञान शिक्षा का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
16वें इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में भारत की सफलता देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता भारतीय छात्रों की प्रतिभा, शिक्षकों के समर्पण और विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। यह निश्चित रूप से अन्य छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।