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सुखविंदर सिंह: 8 साल की उम्र में गाया गाना, ए.आर. रहमान भी हुए मुरीद

सुखविंदर सिंह: सुरों के सरताज का जन्मदिन

सुखविंदर सिंह, भारतीय संगीत के एक दिग्गज, आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनकी दमदार आवाज और अनूठी गायन शैली ने उन्हें संगीत प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह दिलाई है। ‘छैंया-छैंया’ से लेकर ‘जय हो’ तक, उनके गानों ने न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में धूम मचाई है।

प्रारंभिक जीवन और संगीत की शुरुआत

सुखविंदर सिंह का जन्म 18 जुलाई 1971 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था। 8 साल की उम्र में, उन्होंने फिल्म ‘अभिनेत्री’ का गाना ‘सा रे गा मा पा’ गाकर पहली बार दर्शकों को अपनी प्रतिभा से परिचित कराया। यहीं से उनके संगीत के सफर की शुरुआत हुई।

संगीत यात्रा और सफलता

1990 के दशक में, सुखविंदर सिंह ने विभिन्न संगीत शैलियों का अध्ययन करने के लिए दुनिया भर में यात्रा की। उन्होंने पंजाबी एल्बम ‘मुंडा साउथहॉल दा’ जारी किया और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ भी काम किया।

उनका पहला बॉलीवुड गाना ‘आ जा सनम’ था, जो 1991 में फिल्म ‘खिलाफ’ में गाया गया था। हालांकि, उन्हें असली पहचान 1998 में मणिरत्नम की फिल्म ‘दिल से’ के गाने ‘छैंया-छैंया’ से मिली। यह गाना उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।

सुखविंदर सिंह के हिट गाने

‘छैंया-छैंया’ के बाद, सुखविंदर सिंह ने कई हिट गाने दिए, जिनमें शामिल हैं:

  • ‘1947: अर्थ’
  • ‘बीवी नंबर 1’
  • ‘दिल्लगी’
  • ‘जानवर’
  • ‘ताल से ताल मिला’

उन्होंने शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार और रणबीर कपूर जैसे कई बड़े सितारों के लिए प्लेबैक सिंगिंग की है।

ए.आर. रहमान के साथ साझेदारी

सुखविंदर सिंह और ए.आर. रहमान की जोड़ी ने कई सुपरहिट गाने दिए हैं, जिनमें ‘रामता जोगी’, ‘ताल से ताल मिला’ और ‘रुत आ गई रे’ शामिल हैं।

‘जय हो’ और अंतर्राष्ट्रीय पहचान

सुखविंदर सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान मिली जब उन्होंने ए.आर. रहमान के साथ फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए ‘जय हो’ गाया। इस गाने ने उन्हें ऑस्कर, ग्रैमी और क्रिटिक्स चॉइस अवॉर्ड दिलाए।

विवाद और माफी

सुखविंदर सिंह की सफलता के साथ एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा हुआ है। ए.आर. रहमान को ‘जय हो’ गाने के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला, तब वे सुखविंदर सिंह का नाम लेना भूल गए थे। बाद में, ए.आर. रहमान ने एक इंटरव्यू में इस पर अफसोस जताया और सुखविंदर सिंह से माफी मांगी।

योगदान और विरासत

सुखविंदर सिंह ने अपनी दमदार आवाज और जोशीले अंदाज से भारतीय संगीत को एक नई ऊंचाई दी है। वे आज भी एक लोकप्रिय पार्श्वगायक के रूप में पहचाने जाते हैं।

वर्ष गाना फिल्म
1998 छैंया छैंया दिल से
2008 जय हो स्लमडॉग मिलियनेयर
2007 चक दे इंडिया चक दे इंडिया

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