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कौवे ने चुराया कंगन, घोंसले में मिला! रहस्य खुला

कौवे की चोरी और सोने का कंगन: एक अद्भुत कहानी

सोचिए, आप अपने घर के आँगन में काम कर रहे हैं। गर्मी का मौसम है, और आपने अपने हाथ से सोने का कंगन उतारकर पास ही रखा है। अचानक, एक कौवा आता है और झपट्टा मारकर उसे लेकर उड़ जाता है! आप देखते ही रह जाते हैं और कुछ भी नहीं कर पाते। कितना दुख होगा, है ना?

केरल की एक महिला, रुक्मिणी, के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। लेकिन जो आगे हुआ, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। तीन साल बाद, वही खोया हुआ कंगन उन्हें फिर से मिला – और वह भी एक टूटे हुए कौवे के घोंसले से!

कंगन कैसे गायब हुआ?

यह घटना केरल के मलप्पुरम जिले के त्रिक्कालंगोडे गाँव में हुई। रुक्मिणी अपने घर के आँगन में काम कर रही थीं। गर्मी के कारण, उन्होंने थोड़ी देर के लिए अपना सोने का कंगन उतारकर पास में रख दिया। बस उसी पल, एक कौवा कहीं से आया और कंगन उठाकर उड़ गया।

सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि रुक्मिणी को समझने का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने कौवे के पीछे दौड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनका कंगन उनकी आँखों से ओझल हो गया।

कंगन की खोज

रुक्मिणी और उनके परिवार ने आसपास के पूरे इलाके में कंगन की तलाश की। उन्होंने हर कोना, हर झाड़ी, हर पेड़ छान मारा। लेकिन कंगन का कहीं पता नहीं चला। दिन बीतते गए, हफ्ते बीतते गए, और फिर महीने बीत गए। आखिरकार, उन्होंने मान लिया कि अब कंगन कभी नहीं मिलेगा। लेकिन उनके दिल में हमेशा यह उम्मीद बनी रही कि शायद कभी वह कंगन वापस मिल जाए। वह कंगन उनके लिए एक बहुत ही प्यारी याद थी।

उम्मीद की किरण: एक नोटिस

तीन साल बाद, उसी इलाके की पब्लिक लाइब्रेरी में एक नोटिस लगा। उस नोटिस में लिखा था कि यदि किसी का सोने का कोई सामान खो गया है, तो वह लाइब्रेरी से संपर्क करे। यह नोटिस अनवर सादत नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने लगाया था।

अनवर को तीन महीने पहले अपने घर के पास एक आम के पेड़ के नीचे एक चमकती हुई चीज मिली थी। वह सोने की तरह लग रही थी, और वह चीज पेड़ से गिरे हुए कौवे के घोंसले के टूटने के बाद मिली थी।

घोंसले में मिला सोने का टुकड़ा

अनवर की बेटी फातिमा अपने पिता के साथ आम चुन रही थी। तभी उन्हें घोंसले के टूटे हुए टुकड़ों के बीच कुछ चमकता हुआ दिखाई दिया। फातिमा ने उसे उठाया और देखा कि वह सोने जैसा है। लेकिन समय और गिरने के कारण, वह कंगन थोड़ा टूट गया था। फिर भी, उन्होंने उसे फेंका नहीं। अनवर ने जिम्मेदारी से उस चीज को लाइब्रेरी को सौंप दिया ताकि असली मालिक को वापस मिल सके।

कंगन की वापसी

जब रुक्मिणी को नोटिस के बारे में पता चला, तो वह अपने पति सुरेश के साथ तुरंत लाइब्रेरी पहुँचीं। जैसे ही उन्होंने वह सोने का टूटा हुआ कंगन देखा, उन्हें तुरंत समझ में आ गया कि यह वही कंगन है जो तीन साल पहले कौवा लेकर उड़ गया था।

रुक्मिणी और उनके पति ने इच्छा जताई कि उन्हें यह कंगन खुद अनवर के हाथों मिले, जिन्होंने ईमानदारी से इसे संभालकर रखा था। लाइब्रेरी के अधिकारियों की मौजूदगी में, अनवर ने वह कंगन रुक्मिणी को सौंप दिया। यह एक बहुत ही भावनात्मक पल था। रुक्मिणी की खुशी का ठिकाना नहीं था।

यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपनी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। भले ही परिस्थितियाँ कितनी भी निराशाजनक क्यों न हों, हमेशा उम्मीद की एक किरण बाकी रहती है।

  • ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
  • कभी-कभी खोई हुई चीजें भी वापस मिल जाती हैं।
  • हमें हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

इस कहानी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • यह घटना केरल के मलप्पुरम जिले में हुई।
  • कौवा तीन साल पहले रुक्मिणी का कंगन लेकर उड़ गया था।
  • अनवर सादत नाम के एक व्यक्ति को वह कंगन कौवे के घोंसले में मिला।
तथ्य विवरण
घटना का स्थान केरल, मलप्पुरम जिला
खोया कंगन सोने का
मिलने का समय 3 साल बाद
ढूंढने वाला अनवर सादत

यह कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और लोगों ने इसे खूब पसंद किया। लोगों ने अनवर की ईमानदारी और रुक्मिणी के धैर्य की सराहना की। यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग मौजूद हैं।

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