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करौली: टाइपिस्ट का बेटा बना CISF सब-इंस्पेक्टर

July 10, 2025 by Vivek Rakshit

करौली के रोहित: कोर्ट टाइपिस्ट के बेटे से CISF सब-इंस्पेक्टर तक का सफर

करौली के रोहित जांगिड़ की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी मुश्किल मंजिल आसान हो जाती है। रोहित ने एसएससी सीपीओ परीक्षा में सफलता प्राप्त कर CISF में सब-इंस्पेक्टर बनने का सपना पूरा किया।

शुरुआती जीवन और चुनौतियाँ

रोहित का यह सफर आसान नहीं था। कई बार ऐसी रुकावटें आईं कि वे टूट गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सफलता हासिल की। जब रोहित पहली बार वर्दी पहनकर घर पहुंचे, तो उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

  • परिवार: रोहित एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता प्रहलाद जांगिड़ कोर्ट में टाइपिस्ट हैं, और उनकी मां गृहिणी हैं।
  • शिक्षा: रोहित ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की है। ग्रेजुएशन के दौरान वे दो बार फेल भी हुए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

कोरोना काल में मिली प्रेरणा

रोहित बताते हैं कि जिस उम्र में लोग तैयारी छोड़ देते हैं, उन्होंने उस उम्र में तैयारी शुरू की। पहले वे जयपुर में एक प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन कोरोना काल में नौकरी छूट जाने के बाद उन्होंने एसएससी सीपीओ परीक्षा की तैयारी शुरू की।

सेल्फ स्टडी से सफलता

रोहित ने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल की। पहले प्रयास में मेडिकल टेस्ट में मामूली कमी के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर यह परीक्षा पास की। वे सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक पढ़ाई करते थे।

अध्ययन की रणनीति

  • सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक पढ़ाई
  • 1 घंटा रनिंग
  • 2 घंटे खाने के लिए

मुश्किल दौर और प्रेरणा

2022 में पहले प्रयास के दौरान मेडिकल टेस्ट में बाहर होने पर रोहित पूरी तरह से टूट गए थे। वे दिल्ली से करौली तक रोते हुए लौटे थे और कई दिनों तक सो नहीं पाए थे।

परिवार का समर्थन

रोहित की मां रजनी जांगिड़ ने बताया कि वह तीन साल तक घर से बाहर नहीं निकला। गर्मी में भी एक छोटे से पंखे के सामने बैठकर पढ़ाई करता था। रोहित के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की मेहनत और कामयाबी पर गर्व है।

युवाओं के लिए संदेश

रोहित का युवाओं से कहना है कि उन्होंने 26 साल की उम्र में तैयारी शुरू की थी। अगर वे यहां तक पहुंच सकते हैं, तो हर कोई मेहनत के दम पर कोई भी परीक्षा पास कर सकता है।

परीक्षाप्रयासपरिणाम
एसएससी सीपीओपहलाअसफल
एसएससी सीपीओदूसरासफल

निष्कर्ष

रोहित जांगिड़ की कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

Filed Under: एजुकेशन

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