
गोंडा का लाल: रुद्र शुक्ला की प्रेरणादायक कहानी
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रुद्र शुक्ला ने NEET 2025 की परीक्षा पास कर लाखों छात्रों को प्रेरित किया है। उनके पिता एक छोटी सी पान की गुमटी चलाते हैं, लेकिन रुद्र ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया।
विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा
रुद्र बताते हैं कि उनके गांव इंद्रापुर में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पास स्टडी टेबल तक नहीं थी, और उन्होंने घर के बक्से पर किताबें रखकर पढ़ाई की।
- आर्थिक तंगी के बावजूद, रुद्र ने कभी हार नहीं मानी।
- उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए रात में वेटर का काम भी किया।
- वे दिन में 10-12 घंटे पढ़ाई करते थे।
शिक्षकों के प्रेरणादायक शब्द
रुद्र बताते हैं कि कुछ शिक्षक उन्हें हतोत्साहित करते थे, लेकिन उन्होंने उनकी बातों को चुनौती के रूप में लिया। आज, वही शिक्षक उन्हें बधाई दे रहे हैं।
सफलता का मंत्र
रुद्र का मानना है कि यदि आप कुछ ठान लें, तो उसे हासिल करना मुश्किल नहीं है। उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।
परिवार का सहयोग
रुद्र की मां आशा बहू हैं और उन्होंने हमेशा अपने बेटे का साथ दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद, उन्होंने रुद्र की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी।
विवरण | जानकारी |
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छात्र का नाम | रुद्र शुक्ला |
परीक्षा | NEET 2025 |
पिता का व्यवसाय | पान की गुमटी |
गांव | इंद्रापुर, गोंडा |
संघर्ष से सफलता तक
रुद्र की कहानी हमें सिखाती है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हों, यदि हममें लगन और आत्मविश्वास है, तो हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
वेटर का काम और पढ़ाई
रुद्र ने बताया कि उन्होंने रात में वेटर का काम इसलिए किया ताकि वे अपनी पढ़ाई के लिए किताबें और नोट्स खरीद सकें। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे उनसे किताबों के लिए पैसे मांग सकें।
- वे दिन में पढ़ाई करते थे और रात में काम।
- उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थितियों को अपनी पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया।
प्रेरणा का स्रोत
रुद्र शुक्ला आज युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।