
मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में वृद्धि
दमोह जिले के कुआखेड़ा गांव के मनोज पटेल ने मधुमक्खी पालन शुरू करके लाखों रुपये कमाए। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में यह व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी किसानों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
मनोज पटेल की सफलता की कहानी
मनोज पटेल ने 2 से 3 लाख रुपये का निवेश करके मधुमक्खी पालन शुरू किया। मधुमक्खियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ शहद का उत्पादन भी बढ़ा, जिससे उन्हें लाखों का मुनाफा हुआ।
सरकार द्वारा प्रोत्साहन
केंद्र सरकार मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है। मध्य प्रदेश सरकार भी किसानों को 40% तक की सब्सिडी दे रही है। सामान्य वर्ग के किसानों को मधुमक्खी बॉक्स और प्रसंस्करण यंत्रों पर 75% तक का अनुदान मिलता है, जबकि एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 90% तक का अनुदान दिया जाता है।
बुंदेली शहद की ऑनलाइन बिक्री
मनोज पटेल ‘बुंदेली’ ब्रांड के नाम से शहद तैयार करते हैं और इसे बाजारों के साथ-साथ Amazon पर भी बेचते हैं। उनके पास लीची, नीम, मल्टीफ्लोरा, तुलसी, अकेसिया, जामुन, सरसों और अजवाइन का शहद उपलब्ध है।
मधुमक्खी पालन के लाभ
कृषि वैज्ञानिक मनोज अहिरवार के अनुसार, मधुमक्खी एक लाभदायक कीट है। यह पौधों में फूल बनने से लेकर फल बनने तक की प्रक्रिया को बढ़ाता है और परपरागण को बढ़ावा देता है। दमोह जिले में लगभग 5 किसान मधुमक्खी पालन कर रहे हैं।
मधुमक्खी पालन: एक लाभदायक व्यवसाय
मधुमक्खी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। यह न केवल शहद का उत्पादन करता है, बल्कि फसलों की उपज में भी सुधार करता है।
मधुमक्खी पालन कैसे शुरू करें?
- प्रशिक्षण: मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले प्रशिक्षण लेना आवश्यक है।
- निवेश: मधुमक्खी पालन के लिए कुछ निवेश की आवश्यकता होती है, जैसे कि मधुमक्खी बॉक्स और अन्य उपकरण।
- स्थान: मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करना महत्वपूर्ण है।
- प्रबंधन: मधुमक्खियों का उचित प्रबंधन करना आवश्यक है।
विभिन्न प्रकार के शहद
शहद का प्रकार | विशेषता | उपयोग |
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लीची शहद | हल्का और मीठा | मिठाई, पेय |
नीम शहद | औषधीय गुण | स्वास्थ्य लाभ |
मल्टीफ्लोरा शहद | विभिन्न फूलों का मिश्रण | सामान्य उपयोग |
मधुमक्खी पालन से संबंधित सरकारी योजनाएं
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM)
यह योजना मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और शहद उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू की गई है।
कृषि अवसंरचना निधि (AIF)
इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।