
छतरपुर की धरोहर: एक दुखद कहानी
छतरपुर जिले के नौगांव जनपद के उर्दमऊ गांव में स्थित एक हजार साल पुरानी धरोहर आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। कभी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने वाली यह धरोहर अब ग्रामीणों के अतिक्रमण और प्रशासनिक उदासीनता का शिकार है।
शांतिनाथ जैन मंदिर: गौरवशाली इतिहास
उर्दमऊ गांव में स्थित शांतिनाथ जैन मंदिर एक हजार साल से भी अधिक पुराना है। इस मंदिर में जैन तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की 11 फीट से ऊंची मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है और इसे राज्य स्मारक धरोहर घोषित किया गया है।
धरोहर पर अतिक्रमण और गंदगी
दुर्भाग्यवश, इस ऐतिहासिक धरोहर के चारों ओर ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर लिया है। मंदिर के बाहर पालतू पशुओं के गोबर से कंडे पाथे जा रहे हैं, जिससे यहां गंदगी का अंबार लग गया है। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता भी कचरे से भरा हुआ है।
सुरक्षा गार्ड की आपबीती
मंदिर के सुरक्षा गार्ड अशोक कुशवाहा बताते हैं कि वे 2012 से इस मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। बरसात के मौसम में यहां कमर तक पानी भर जाता है, जिससे पर्यटकों को आने में परेशानी होती है।
पर्यटकों की कमी
अशोक कुशवाहा के अनुसार, पहले इस मंदिर में विदेशी पर्यटक भी आते थे, लेकिन अब पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए उचित सड़क और साइनेज की कमी के कारण पर्यटकों को यहां आने में दिक्कत होती है।
सरपंच का आश्वासन
गांव के सरपंच राजेंद्र प्रसाद दीक्षित का कहना है कि मंदिर तक आरसीसी सड़क बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है और जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों को धरोहर के बाहर गोबर न डालने के लिए समझाया जाएगा।
धरोहर की वर्तमान स्थिति
पहलू | स्थिति |
---|---|
स्वच्छता | मंदिर के आसपास गंदगी का अंबार |
पहुंच | बरसात में कमर तक पानी भरने से मुश्किल |
पर्यटक | पर्यटकों की संख्या में कमी |
संरक्षण | पुरातत्व विभाग की अनदेखी |
सुधार की आवश्यकता
- तत्काल सफाई अभियान चलाकर मंदिर परिसर को स्वच्छ बनाना।
- मंदिर तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण।
- पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साइनेज और अन्य सुविधाओं का विकास।
- पुरातत्व विभाग द्वारा नियमित रूप से मंदिर की देखरेख और संरक्षण।
निष्कर्ष
उर्दमऊ गांव स्थित शांतिनाथ जैन मंदिर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है। इस धरोहर को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह धरोहर अपनी पहचान खो सकती है।