
कोरबा के अनोखे गांव: नाम में छुपा इतिहास और रहस्य
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कई ऐसे गांव हैं जिनके नाम सुनकर हैरानी होती है, लेकिन हर नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी छुपी है। ये कहानियां हमें इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ती हैं। आज हम कोरबा के कुछ ऐसे ही अनोखे गांवों के बारे में जानेंगे।
कोसगई: खजाने का रहस्य
कोसगई, जिसका अर्थ है ‘खजाने का घर’, कभी कलचुरी राजवंश की राजधानी हुआ करता था। यहां प्राचीन गुफाएं हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि राजा-महाराजा अपना खजाना छिपाकर रखते थे।
- कोसगई का इतिहास कलचुरी राजवंश से जुड़ा है।
- यहां कई प्राचीन गुफाएं हैं।
- गुफाओं में खजाने छिपे होने की कहानियां प्रचलित हैं।
कोसगई का महत्व
कोसगई का ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह न केवल एक प्राचीन राजधानी थी, बल्कि व्यापार और संस्कृति का भी केंद्र था। आज भी यहां प्राचीन अवशेष देखे जा सकते हैं।
नेवराटिकरा: नगाड़ों की कहानी
नेवराटिकरा का अर्थ है ‘नगाड़ों का ऊंचा स्थान’। कहा जाता है कि यहां ऊंचे स्थान से नगाड़ा बजाकर लोगों को संदेश दिया जाता था। आज भी यहां जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नगाड़े मौजूद हैं।
- नेवराटिकरा में ऊंचे स्थान से नगाड़ा बजाया जाता था।
- यह नगाड़ा संदेश भेजने का माध्यम था।
- आज भी यहां प्राचीन नगाड़े मौजूद हैं।
नेवराटिकरा की परंपरा
नेवराटिकरा की परंपरा आज भी जीवित है। यहां के लोग आज भी नगाड़ों को सम्मान देते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति का हिस्सा मानते हैं।
लोधझरिया और रानीझरिया: शाही स्नान
लोधझरिया और रानीझरिया दोनों ही कोरबा के मशहूर पर्यटन स्थल हैं। लोधझरिया में राजा लोधी स्नान करते थे, जबकि रानीझरिया रानियों के लिए स्नान का स्थान था।
- लोधझरिया राजा लोधी के स्नान के लिए था।
- रानीझरिया रानियों के स्नान के लिए था।
- दोनों ही अजगरबहार के पास स्थित हैं।
लोधझरिया और रानीझरिया का आकर्षण
लोधझरिया और रानीझरिया अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।
सूअरलोट: प्रकृति और परंपरा का संगम
सूअरलोट एक ऐसा गांव है जहां प्रकृति और परंपरा का संगम देखने को मिलता है। यहां दूल्हा-दुल्हन पहाड़ स्थित है, जहां प्राचीन शैल चित्र बने हुए हैं। गांव में विवाह होने पर दूल्हा और दुल्हन इस पहाड़ को निमंत्रण देते हैं।
- सूअरलोट में दूल्हा-दुल्हन पहाड़ स्थित है।
- यहां प्राचीन शैल चित्र बने हुए हैं।
- विवाह के अवसर पर पहाड़ को निमंत्रण दिया जाता है।
सूअरलोट का नाम
सूअरलोट का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पहाड़ के ऊपर जंगली सूअर लोटते थे। यह गांव आज भी अपनी प्राचीन परंपराओं को संजोए हुए है।
गांव का नाम | अर्थ | कहानी | महत्व |
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कोसगई | खजाने का घर | राजा-महाराजा खजाना छिपाते थे | ऐतिहासिक राजधानी |
नेवराटिकरा | नगाड़ों का ऊंचा स्थान | नगाड़ा बजाकर संदेश दिया जाता था | सांस्कृतिक परंपरा |
लोधझरिया | राजा लोधी का स्नान | राजा लोधी यहां स्नान करते थे | पर्यटन स्थल |
सूअरलोट | सूअर का लोटना | जंगली सूअर यहां लोटते थे | प्रकृति और परंपरा |
कोरबा के ये अनोखे गांव हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और हमें अपनी संस्कृति और इतिहास के बारे में जानने का अवसर देते हैं। इन गांवों की यात्रा एक यादगार अनुभव हो सकता है।