
यूट्यूब से रोजगार, यूट्यूब से प्रेरणा, आत्मनिर्भरता की कहानी: सुधा देवी
आज के डिजिटल युग में, इंटरनेट ने हमारे जीवन को कई तरह से बदल दिया है। इसने न केवल संचार को आसान बनाया है, बल्कि नए अवसरों के द्वार भी खोले हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है सुधा देवी की, जिन्होंने यूट्यूब से प्रेरणा (YouTube success story) लेकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया और आज आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं।
सूचना क्रांति का लाभ
टेलीकॉम कंपनियों ने भारत में 4G/5G इंटरनेट सेवा शुरू करके लोगों को गूगल, फेसबुक और यूट्यूब से जोड़ा है। इसने सूचना क्रांति को जन्म दिया है, जिससे लोग आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और नए कौशल सीख सकते हैं। सुधा देवी की कहानी इसी क्रांति का एक उदाहरण है।
झोला निर्माण का व्यवसाय
बेगूसराय जिले के तेघरा प्रखंड की रहने वाली सुधा देवी ने यूट्यूब पर झोला निर्माण का वीडियो देखा। उन्हें यह विचार बहुत पसंद आया और उन्होंने इसे आजमाने का फैसला किया। उन्होंने नीतिश्री समूह से 30 हजार का लोन लेकर एक सिलाई मशीन खरीदी और झोला निर्माण का काम शुरू कर दिया।
शुरुआती दिक्कतें और समाधान
शुरुआत में सुधा देवी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें झोला बनाने का तरीका सीखने और बाजार में अपने उत्पादों को बेचने में कठिनाई हुई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रहीं। धीरे-धीरे उन्होंने झोला बनाने की कला में महारत हासिल कर ली और अपने उत्पादों को बेचने के लिए नए रास्ते खोज लिए।
व्यवसाय का विस्तार
आज सुधा देवी का व्यवसाय अच्छी तरह से चल रहा है। उन्होंने एक और सिलाई मशीन खरीदी है और एक पड़ोसी महिला को रोजगार भी दिया है। वे झारखंड के टाटा से सीमेंट की खाली बोरियां लाती हैं और उनसे झोले बनाती हैं। एक झोला बनाने में लगभग 5 रुपये का खर्च आता है और वे इसे बाजार में 10 से 15 रुपये में बेचती हैं।
सफलता की कहानी
सुधा देवी बताती हैं कि अगर बिजली सही रही तो वे दिनभर में 400 झोले बना लेती हैं और 2 हजार तक की कमाई कर लेती हैं। वे कहती हैं कि उन्हें अपने झोलों को बेचने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता, बल्कि थोक व्यापारी खुद उनके पास आते हैं और झोले खरीदकर ले जाते हैं।
समुदाय का समर्थन
सुधा देवी अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और समुदाय के समर्थन को देती हैं। उनके कम्यूनिटी मैनेजर ममता कुमारी और बीपीएम बिरजू कुमार समय-समय पर उनकी मदद करते रहते हैं।
आत्मनिर्भरता का संदेश
सुधा देवी की कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाती है कि अगर हममें लगन और मेहनत करने की क्षमता है, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
मद | लागत (₹) | विक्रय मूल्य (₹) | लाभ (₹) |
---|---|---|---|
सीमेंट बोरा | 4 | 10-15 | 6-11 |
सिलाई खर्च | 1-2 | ||
कुल | 5-6 |
निष्कर्ष
सुधा देवी की कहानी दर्शाती है कि कैसे यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म से प्रेरणा लेकर और थोड़ी सी मेहनत से कोई भी अपना रोजगार शुरू कर सकता है और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकता है। उनकी यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
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