
कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor ने गयाना (Gayana) से पाकिस्तान को चेतावनी दी कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर और भारत की कूटनीतिक रणनीति की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
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Shashi Tharoor का कड़ा रुख
कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor ने गयाना (Gayana) में 25 मई 2025 को एक सशक्त बयान में पाकिस्तान (Pakistan) को चेतावनी दी कि वह भारत के नागरिकों की हत्या करके बच नहीं सकता। पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। थरूर, जो एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने गयाना (Gayana), पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत के आतंकवाद विरोधी दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “कोई भी सीमा पार करके हमारे नागरिकों को मारकर बच नहीं सकता। इसके लिए कीमत चुकानी होगी।”
पहलगाम आतंकी हमला: पृष्ठभूमि और प्रभाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। आतंकियों ने धार्मिक आधार पर लोगों की पहचान कर हत्या की, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव भड़काना था। द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है, ने हमले की जिम्मेदारी ली। थरूर ने न्यूयॉर्क में कहा, “यह हमला न केवल क्रूर था, बल्कि इसका मकसद भारत में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काना था। लेकिन इसके उलट, इसने हमें और एकजुट किया।”
भारत ने जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए, जिनमें मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने शामिल थे। थरूर ने इसे “सटीक और संयमित” प्रतिक्रिया बताया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का मिशन
Shashi Tharoor के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी के जी.एम. हरीश बलयोगी, लोक जनशक्ति पार्टी की शांभवी चौधरी और पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए गयाना (Gayana), पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा कर रहा है।
गयाना (Gayana) में भारतीय समुदाय ने इस प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। एक भारतीय मूल के निवासी ने कहा, “हम गयाना (Gayana) में आतंकवाद की निंदा करते हैं और भारत के नागरिकों के साथ हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख का समर्थन करते हैं।”
गयाना (Gayana) में थरूर का बयान
गयाना (Gayana) में उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मुलाकात के बाद थरूर ने कहा, “यह एक शानदार मुलाकात थी। वह भारत के मित्र हैं और उन्होंने पाकिस्तान के साथ हाल के घटनाक्रमों पर हमारी स्थिति को समझा।” थरूर ने भारतीय प्रवासियों से एकजुट होकर सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें न केवल हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाना है, बल्कि उन लोगों को भी जवाबदेह ठहराना है जो उन्हें वित्तपोषण, प्रशिक्षण और हथियार प्रदान करते हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति का प्रतीक है। थरूर ने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कहा, “मैंने एक लेख में लिखा था कि अब समय है सख्त और चतुराई से प्रहार करने का, और मुझे खुशी है कि भारत ने यही किया।” इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग शामिल था। यह भारत की शून्य सहनशीलता नीति को दर्शाता है।
थरूर ने 26/11 मुंबई हमले, उरी, और पुलवामा जैसे पिछले आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा इनकार की नीति अपनाई। उन्होंने 2015 के पठानकोट हमले का उल्लेख किया, जब भारत ने पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को अपनी वायुसेना अड्डों पर जांच की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने भारत को ही दोषी ठहराया।
भारत की कूटनीतिक पहल
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजा है। थरूर का समूह पांच देशों का दौरा करेगा और 3 जून को अमेरिका लौटेगा। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमें विश्व समुदाय को पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति स्पष्ट करने की जिम्मेदारी दी है।”
थरूर ने न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल का दौरा करते हुए कहा, “यह आतंकवाद के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई का प्रतीक है।” उन्होंने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद को एक वैश्विक समस्या के रूप में संबोधित करने का आह्वान किया।
भारत-पाकिस्तान संबंधों का इतिहास
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का लंबा इतिहास रहा है। थरूर ने कहा, “1947 के युद्ध से लेकर 26/11 तक, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को प्रायोजित किया है।” उन्होंने 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर यात्रा को शांति की अंतिम कोशिश बताया, जिसके बाद पठानकोट हमला हुआ।
फायदे और नुकसान
पहलू | फायदे | नुकसान |
ऑपरेशन सिंदूर | आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले, भारत की दृढ़ता का संदेश | क्षेत्रीय तनाव बढ़ने का जोखिम |
कूटनीतिक पहल | वैश्विक समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता बढ़ाना | विपक्षी दलों में असहमति, जैसे कांग्रेस की “विचलन रणनीति” की आलोचना |
थरूर का नेतृत्व | सर्वदलीय एकता और अनुभवी कूटनीतिज्ञ का नेतृत्व | विपक्षी नेता के रूप में सरकारी नीति का समर्थन करने पर आलोचना |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. पहलगाम आतंकी हमला क्या था? | What is Pahalgam Terror Attack
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों, ज्यादातर पर्यटकों, की हत्या की। यह हमला धार्मिक आधार पर किया गया।
2. ऑपरेशन सिंदूर क्या है? | What is Operation Sindoor?
7 मई 2025 को शुरू किया गया यह ऑपरेशन पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर भारत की सटीक सैन्य कार्रवाई थी।
3. Shashi Tharoor का प्रतिनिधिमंडल क्या कर रहा है?
यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गयाना (Gayana), पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका में भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को प्रस्तुत कर रहा है।
4. भारत की शून्य सहनशीलता नीति क्या है?
यह नीति आतंकवाद के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई को दर्शाती है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर में देखा गया।
5. गयाना (Gayana) में भारतीय प्रवासियों की प्रतिक्रिया क्या थी?
उन्होंने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया और प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया।